तुम्हारा प्रतिविम्ब
झलका भर
जल में
तुम्हारा प्रतिविम्ब-
कि बज उठे
सरोवर में
जल-तरंग
जल-मृदंग
रात भर
लहरों का रास
चलता रहा
झूमें सारी रात वहाँ
लहरों के
जल-भुजंग जल-कुरंग जल-तुरंग जल-अनंग
तुम्हारा प्रतिविम्ब
झलका भर
जल में
तुम्हारा प्रतिविम्ब-
कि बज उठे
सरोवर में
जल-तरंग
जल-मृदंग
रात भर
लहरों का रास
चलता रहा
झूमें सारी रात वहाँ
लहरों के
जल-भुजंग जल-कुरंग जल-तुरंग जल-अनंग