तुम मुँडेर पर
थम गये अचानक ही
जन्म, मरण, हँसी, रुदन
थम गया
अचानक ही घिसा-पिटा
जीवन संगीत
देखा
तो उदय हो रही थीं तुम
अपनी मुंडेर पर
और
अनहद
बज रहा था
तुम मुँडेर पर
थम गये अचानक ही
जन्म, मरण, हँसी, रुदन
थम गया
अचानक ही घिसा-पिटा
जीवन संगीत
देखा
तो उदय हो रही थीं तुम
अपनी मुंडेर पर
और
अनहद
बज रहा था