रोहतक जिले के मायना गांव में 10 मार्च, 1915 को जन्म। सन् 1941 से 47 में फौज में रहे। सन् 1952 में सी.ओ.डी दिल्ली कैंट में नौकरी। 16 किस्सों और 100 से अधिक रागनियों की रचना। नेताजी सुभाषचंद्र बोस का किस्सा विशेष तौर पर लोकप्रिय। रागनी विधा को सामाजिक विषयों से जोड़ा। रागनियों में फिल्मी तर्जों का प्रयोग किया। 20 जनवरी, 1993 को देहावसान। राजेंद्र बडगूजर ने दयानंद की संपूर्ण रचनाओं को एकत्रित करके ग्रंथावली के रूप में प्रकाशित किया है।