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दरिया / पवन कुमार

अक्सर
हमने देखा है
थमे हुए सैलाबों में,
या रूके हुए तालाबों में
कुछ गंदला सा जम जाता है
ऐसी ही कुछ
आँखों के अन्दर
थमे हुए दरिया में भी हो सकता है
इस दरिया को रोको मत
मुमकिन है
जि’यादा दिन तक ठहरे रहने से
ये दरिया भी गंदला हो जाये।