मेरे बेटे की आँखों में
आँसू
आज मैंने देखे
तो अनहोने-सी लगी।
उसके भोले मुखड़े पर
मेरी प्रतीक्षा की थकान
उग आई थी
और आँखों में गिला भी.
मुझे देख भोलापन, प्रतीक्षा, थकान,
आँसू, गिला सब का
घालमेल हो गया था और
एक नन्ही खुशी भी उसमें
समा गई थी
किन्तु उस निश्छल
घालमेल भाव को
बाहों में भरने मैं दौड़ पड़ा
उसके आँसुओं ने मुझे
विहल कर दिया था शायद