छाँव को तलाशते
धूप के न जाने कितने टुकड़े
इकट्ठे हैं मेरे पास
क्या करूँगी इनका
सहेजकर रखने पर
टुकड़े
और भी तीखापन
ज़ाहिर करते हैं ।
छाँव को तलाशते
धूप के न जाने कितने टुकड़े
इकट्ठे हैं मेरे पास
क्या करूँगी इनका
सहेजकर रखने पर
टुकड़े
और भी तीखापन
ज़ाहिर करते हैं ।