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पद 57 से 70 तक/पृष्ठ 1

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अहल्योद्धार

.राग सूहो
रामपद-पदुम-पराग परी |
ऋषितिय तुरत त्यागि पाहन-तनु छबिमय देह धरी ||
प्रबल पाप पति-साप दुसह दव दारुन जरनि जरी |
कृपासुधा सिँचि बिबुध-बेलि ज्यौं फिरि सुख-फरनि फरी ||
निगम-अगम मूरति महेस-मति-जुबति बराय बरी |
सोइ मूरति भै जानि नयनपथ इकटकतें न टरी ||
बरनति हृदय सरुप, सील गुन प्रेम-प्रमोद-भरी |
तुलसिदास अस केहि आरतकी आरति प्रभु न हरी? ||