मरने के बाद भी
हमारी आदतें बरकरार हैं
कब्रिस्तान में कब्रों पर
इन आदतों के
अलग-अलग निशान हैं
किन्हीं सपाट कब्रों पर
हरे-हरे घास हैं
किन्हीं पर
संगमरमर के चबूतरे
तराशे हुए उनके नाम
और गांव हैं
और भी हैं कब्रें
जहां रुक जाता है पानी
हर बारिश में
जहां धूप नहीं आती
और जम जाती है काई
पृथ्वी पर
बच रहे आदमी
पानी धूप और हवा से
यही उनका रिश्ता है
यही उनकी आदतें
यही उनके नाम
और यही उनके गांव हैं