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पहले प्यार की तरह / शलभ श्रीराम सिंह

पहले प्यार की तरह होता है
पहला दृश्य
पहला शब्द
पहला उल्लास।

पहले प्यार की तरह होती है
पहली मुस्कान
पहली पहचान
पहली खिड़की।

पहले प्यार की तरह होता है
पहला पत्र
पहला मित्र
पहला चित्र।

पहले प्यार की तरह होती है
पहली वस्तु
पहली इच्छा
पहली निगाह।


रचनाकाल : 1992 विदिशा