Last modified on 29 अक्टूबर 2012, at 17:36

पान खाएँ सैंया हमारो / शैलेन्द्र

पान खाये सैंयाँ हमारो
साँवली सूरतिया होंठ लाल-लाल
हाय-हाय मलमल का कुरता
मलमल के कुरते पे छींट लाल-लाल
पान खाये सैंयाँ हमारो

हमने मँगाई सुरमेदानी
ले आया ज़ालिम बनारस का ज़रदा
अपनी ही दुनिया में खोया रहे वो
हमरे दिल की न पूछे बेदर्दा
पूछे बेदर्दा

पान खाये सैंयाँ हमारो
होय-होय
साँवली सूरतिया होंठ लाल-लाल
हाय-हाय मलमल का कुरता
मलमल के कुरते पे छींट लाल-लाल
पान खाये सैंयाँ हमारो

बगिया गुन-गुन पायल छुन-छुन
चुपके से आई है रुत मतवाली
खिल गईं कलियाँ दुनिया जाने
लेकिन न जाने बगिया का माली
बगिया का माली

पान खाये सैंयाँ हमारो
होय-होय
साँवली सूरतिया होंठ लाल-लाल
हाय-हाय मलमल का कुरता
मलमल के कुरते पे छींट लाल-लाल
पान खाये सैंयाँ हमारो

खा के गिलोरी शाम से ऊँघे
सो जाये वो दीया-बाती से पहले

आँगन-अटारी में घबराई डोलूँ
चोरी के डर से दिल मोरा दहले
दिल मोरा दहले

पान खाये सैंयाँ हमारो
साँवली सूरतिया होंठ लाल-लाल
हाय-हाय मलमल का कुरता
मलमल के कुरते पे छींट लाल-लाल
पान खाये सैंयाँ हमार