भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
फ़िल्मों के लिए लिखे गीत-4 / शैलेन्द्र
Kavita Kosh से
फ़िल्मों के लिए लिखे गीत-4
रचनाकार | शैलेन्द्र |
---|---|
प्रकाशक | |
वर्ष | |
भाषा | हिन्दी |
विषय | गीत-संग्रह |
विधा | |
पृष्ठ | 72 |
ISBN | |
विविध | कुल 60 गीतों का संग्रह |
इस पन्ने पर दी गई रचनाओं को विश्व भर के स्वयंसेवी योगदानकर्ताओं ने भिन्न-भिन्न स्रोतों का प्रयोग कर कविता कोश में संकलित किया है। ऊपर दी गई प्रकाशक संबंधी जानकारी छपी हुई पुस्तक खरीदने हेतु आपकी सहायता के लिये दी गई है।
<sort order="asc" class="ul">
- हम भी हैं तुम भी हो, दोनों हैं आमने सामने / शैलेन्द्र
- ओ बसन्ती पवन पागल / शैलेन्द्र
- आ अब लौट चलें / शैलेन्द्र
- अन्धे जहान के अन्धे रास्ते / शैलेन्द्र
- मनमोहना बडे़ झूठे / शैलेन्द्र
- मज़िल वही है,प्यार के राही बदल गए / शैलेन्द्र
- छोटी-सी ये ज़िन्दगानी रे / शैलेन्द्र
- मेरा दिल अब तेरा ओ साजन / शैलेन्द्र
- ये मेरा दीवानापन है या मौहब्बत का सुरूर / शैलेन्द्र
- बोल री कठपुतली डोरी कौन संग बांधी / शैलेन्द्र
- टीन-कनस्तर पीट-पीट कर / शैलेन्द्र
- तुम तो दिल के तार छेड़कर खो गए बेख़बर / शैलेन्द्र
- एक सवाल तुम करो, एक सवाल मैं करूँ / शैलेन्द्र
- लाखों तारे आसमान में, एक मगर / शैलेन्द्र
- छोटी-सी ये दुनिया पहचाने रास्ते हैं / शैलेन्द्र
- मैं आशिक हूँ बहारों का / शैलेन्द्र
- ओ शमा मुझे फूँक दे / शैलेन्द्र
- तुम जो हमारे मीत न होते / शैलेन्द्र
- तुम ही तुम हो मेरे जीवन में / शैलेन्द्र
- रुक जा रात ठहर जा रे चंदा / शैलेन्द्र
- याद न जाए बीते दिनों की / शैलेन्द्र
- बहार बन के वो मुस्कराए / शैलेन्द्र
- याहू, चाहे मुझे कोई जंगली कहे / शैलेन्द्र
- असली क्या है, नकली क्या है, पूछो दिल से मेरे / शैलेन्द्र
- बोल राधा बोल संगम होगा कि नहीं / शैलेन्द्र
- हर दिल जो प्यार करेगा वो गाना गाएगा / शैलेन्द्र
- दोस्त दोस्त न रहा प्यार प्यार न रहा / शैलेन्द्र
- ओ मेरे सनम / शैलेन्द्र
- अंग लग जा बालमा / शैलेन्द्र
- चली कौन से देश गुजरिया तू सज-धज के / शैलेन्द्र
- सपनों का सौदागर आया, ले लो ये सपने ले लो / शैलेन्द्र
- जोशे जवानी हाय रे हाय / शैलेन्द्र
- सजन रे झूठ मत बोलो / शैलेन्द्र
- चलत मुसाफ़िर मोह लियो रे पिंजरे वाली मुनिया /शैलेन्द्र
- लाली लाली डोलिया में लाली रे दुल्हनिया / शैलेन्द्र
- पान खाएँ सैंया हमारो / शैलेन्द्र
- हम तो जाते अपने गाँव, अपनी राम राम राम / शैलेन्द्र
- तुम्हारी भी जै-जै, हमारी भी जै जै / शैलेन्द्र
- पते की बात कहेगा, कहेगा जब भी दीवाना / शैलेन्द्र
- ऐ प्यासे दिल बेजुबाँ, ले जाऊँ तुझको कहाँ / शैलेन्द्र
- मैं गाऊँ तुम सो जाओ,सुख सपनों में खो जाओ / शैलेन्द्र
- धानी चुनरी पहन सज के बन के दुल्हन / शैलेन्द्र
- नैन मिले चैन कहाँ, हम हैं वहीं दिल है जहाँ / शैलेन्द्र
- केतकी, गुलाब, जुही, चम्पक बन फूले / शैलेन्द्र
- किसी ने अपना बनाके मुझ को मुस्कराना सिखा दिया/ शैलेन्द्र
- देखो जी देखो एक बार इस तरफ़ देखो / शैलेन्द्र
- कहे झूम झूम रात ये सुहानी / शैलेन्द्र
- जाओ रे, जोगी तुम जाओ रे / शैलेन्द्र
</sort>