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ये मेरा दीवानापन है या मौहब्बत का सुरूर / शैलेन्द्र
Kavita Kosh से
दिल से तुझको बेदिली है, मुझको है दिल का गुरूर
तू ये माने के न माने, लोग मानेंगे ज़ुरूर
ये मेरा दीवानापन है, या मुहब्बत का सुरूर
तू न पहचाने तो है ये, तेरी नज़रों का क़ुसूर
ये मेरा दीवानापन है ...
दिल को तेरी ही तमन्ना, दिल को है तुझसे ही प्यार
चाहे तू आए न आए, हम करेंगे इंतज़ार
ये मेरा दीवानापन है ...
ऐसे वीराने में इक दिन, घुट के मर जाएंगे हम
जितना जी चाहे पुकारो, फिर नहीं आएंगे हम
ये मेरा दीवानापन है ...