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तुम ही तुम हो मेरे जीवन में / शैलेन्द्र

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तुम ही तुम हो मेरे जीवन में
फूल ही फूल हैं जैसे चमन में
एक हो मेरे तुम इस जहाँ में
एक है चंदा जैसे गगन में
तुम ही तुम हो
तुम ही तुम हो

तुम मिले मुझे नया जहान मिल गया
झूमती ज़मीन को आसमान मिल गया
तुम ही तुम हो
तुम ही तुम हो

तुमसे दिल का चैन है तुमसे है क़रार
तुम ना रूठना कि रूठ जाएगी बहार
तुम ही तुम हो
तुम ही तुम हो

तुम हो मेरे कौन ज़िन्दगी है क्यूँ हसीन
सुन लो मेरी धड़कनें तो आएगा यक़ीन
तुम ही तुम हो
तुम ही तुम हो