लिख देना चाहता
एक कविता अपनी क़लम से
बदन पर तुम्हारे
उतार देना चाहता
मन में
सभी इन्द्रधनुष अपने
और भर देना चाहता
प्रणय का अनहद
रोम-रोम में तुम्हारे !!
लिख देना चाहता
एक कविता अपनी क़लम से
बदन पर तुम्हारे
उतार देना चाहता
मन में
सभी इन्द्रधनुष अपने
और भर देना चाहता
प्रणय का अनहद
रोम-रोम में तुम्हारे !!