Last modified on 10 फ़रवरी 2014, at 16:33

प्रियतम-भामिनि, मधुमय जामिनि / हनुमानप्रसाद पोद्दार

प्रियतम-भामिनि, मधुमय जामिनि, बिहरत जमुना-तीर।
अलिकुल गुंजत, कोकिल कूजत, मलयज बहत समीर॥

× × ×
सखी-सहचरी मृदुल मंजरी, गावत बाद्य सुतान॥
गोपी-चातकिगन निरखत घन-स्याम अतुल आनंद।
चतुर चकोरी निरखत गोरी रंग चाँदनी चंद॥
स्रम-जल-बिंदु सुरूप-सिंधु दो‌ऊ नील-पीत रुचि रंग।
रसनिधि अमित अगाध तरंगित बिबिध विचित्र तरंग॥