किसी ने
दावानल कह कर
ख़ुद से अलग कर दिया।
अचल मानकर
किसी ने
कर ली किनाराकशी
किसी ने
निरन्तर चल जानकर
बचा लिया अपना दामन
बच गया मैं
इस तरह — इस तरह आख़िर
ईश्वरी के लिए
लिखता हुआ कविताएँ
किसी ने
दावानल कह कर
ख़ुद से अलग कर दिया।
अचल मानकर
किसी ने
कर ली किनाराकशी
किसी ने
निरन्तर चल जानकर
बचा लिया अपना दामन
बच गया मैं
इस तरह — इस तरह आख़िर
ईश्वरी के लिए
लिखता हुआ कविताएँ