( बरवै रामायण उत्तरकांण्ड/पृष्ठ-2)
( पद 51 से 55 तक)
राम नाम जपु तुलसी होइ बिसोक।
लोक सकल कल्यान नीक परलोक।51।
तप तीरथ मख दान नेम उपबास।52।
महिमा राम नाम कै जान महेस।
देत परम पद कासीं करि उपदेस।53।
जान आदि कबि तुलसी नाम प्रभाउ ।
उलटा जपत कोल ते भए रिषि राउ।54।
कलसजोनि जियँ जानेउ नाम प्रतापु।
कौतुक सागर सोखेउ करि जियँ जापु।55।
(इति बरवै रामायण उत्तरकांण्ड/ पृष्ठ 2)