जी भर नहायी है
यह पहाड़ी
इस बार बारिश में
हरी हो गई तबियत
गोद भी।
यूं ही नहीं निखार
आता अंग-अंग में
उभरी पुष्ट शिलओं पर
सलोनी कालिमा।
जी भर नहायी है
यह पहाड़ी
इस बार बारिश में
हरी हो गई तबियत
गोद भी।
यूं ही नहीं निखार
आता अंग-अंग में
उभरी पुष्ट शिलओं पर
सलोनी कालिमा।