प्रसिद्ध शायर और गीतकार बहज़ाद लखनवी 1 जनवरी 1895 को लखनऊ में पैदा हुए थे। इनका असली नाम था — सरदार अहमद खाँ। बाद में जब शायरी करने लगे तो इन्होंने ’बेहज़ाद’ तख़ल्लुस अपना लिया।
इनके घर का माहौल बचपन से ही काफ़ी सांस्कृतिक, शैक्षिक और साहित्यिक था। उनके पिता भी अपने समय के लोकप्रिय शायर थे। घर और लखनऊ शहर के अदबी माहौल के असर से बहज़ाद भी छोटी-सी उम्र में शे’र कहने लगे थे।
बहज़ाद एक लम्बे अर्से तक रेल विभाग में नौकरी करते रहे। उसके बाद वे आल इण्डिया रेडियो में काम करने लगे। इस दौरान कई फ़िल्मी कम्पनीयों से जुड़कर उन्होंने फ़िल्मों के लिए बहुत से गीत भी लिखे। हिन्दुस्तान का विभाजन होने के बाद वे पाकिस्तान चले गए और वहाँ कराची शहर में उन्होंने रेडियो पाकिस्तान में नौकरी कर ली। कराची में ही 10 अक्टूबर 1974 को बहज़ाद लखनवी का निधन हो गया।
उनके कविता-संग्रहों के नाम हैं — नग़मा-ए-नूर, कैफ़ व सुरूर, मौज-ए-तुहूर, चराग़-ए-तूर, वज्द व हाल