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बेहज़ाद लखनवी
Kavita Kosh से
बेहज़ाद लखनवी
जन्म | 1 जनवरी 1895 |
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निधन | 1974 |
उपनाम | सरदार अहमद खाँ |
जन्म स्थान | लखनऊ, उत्तर प्रदेश, भारत |
कुछ प्रमुख कृतियाँ | |
विविध | |
इनके पिता भी अपने समय के लोकप्रिय शायर थे। घर और लखनऊ के अदबी माहौल के असर से बहज़ाद भी छोटी-सी उम्र में शे’र कहने लगे थे। | |
जीवन परिचय | |
बेहज़ाद लखनवी / परिचय |
ग़ज़लें
- ऐ जज़्बा-ए-दिल गर मैं चाहूँ हर चीज़ मुक़ाबिल आ जाए / बेहज़ाद लखनवी
- क्या ये भी मैं बतला दूँ तू कौन है मैं क्या हूँ / बेहज़ाद लखनवी
- लब पे है फ़रियाद अश्कों की रवानी हो चुकी / बेहज़ाद लखनवी
- तुम्हारे हुस्न की तस्ख़ीर आम होती है / बेहज़ाद लखनवी
- यूँ तो चाहे यहाँ साहब-ए-महफ़िल हो जाए / बेहज़ाद लखनवी
- दीवाना बनाना है तो दीवाना बना दे / बेहज़ाद लखनवी
- चश्म-ए-हसीं में है न रुख़-ए-फ़ित्ना-गर में है / बेहज़ाद लखनवी
- दिल मेरा तेरा ताब-ए-फ़रमाँ है क्या करूँ / बेहज़ाद लखनवी
- इक बेवफ़ा को दर्द का दरमाँ बना लिया / बेहज़ाद लखनवी
- इक बे-वफ़ा को प्यार किया हाए क्या किया / बेहज़ाद लखनवी
- फ़रियाद है अब लब पर जब अश्क-फ़िशानी थी / बेहज़ाद लखनवी
- है ख़िरद-मन्दी यही बा-होश दीवाना रहे / बेहज़ाद लखनवी
- होना ही क्या ज़रूर थे ये दो-जहाँ हैं क्यूँ / बेहज़ाद लखनवी
- ख़ुदा को ढूँढ़ रहा था कहीं ख़ुदा न मिला / बेहज़ाद लखनवी
- ख़ुशी महसूस करता हूँ न ग़म महसूस करता हूँ / बेहज़ाद लखनवी
- मसरूर भी हूँ ख़ुश भी हूँ लेकिन ख़ुशी नहीं / बेहज़ाद लखनवी
- मोहब्बत मुस्तक़िल कैफ़-आफ़रीं मालूम होती है / बेहज़ाद लखनवी
- तिरे इश्क़ में ज़िन्दगानी लुटा दी / बेहज़ाद लखनवी
- तुझ पर मिरी मोहब्बत क़ुर्बान हो न जाए / बेहज़ाद लखनवी
- उन को बुत समझा था या उन को ख़ुदा समझा था मैं / बेहज़ाद लखनवी
- यूँ तो जो चाहे यहाँ साहब-ए-महफ़िल हो जाए / बेहज़ाद लखनवी
- ज़िन्दा हूँ इस तरह कि ग़म-ए-ज़िन्दगी नहीं / बेहज़ाद लखनवी