खोह चाहिए वन्य-पशु को,
राह चाहिए मुसाफ़िर को,
और मृतक को चाहिए ताबूत
इच्छाएँ हर एक की होती हैं अलग-अलग ।
औरत चाहती है छल-कपट करना,
राजा चाहता है करना राज,
और मैं चाहती हूँ करना
गरिमा से मंडित
तुम्हारे नाम को ।
रचनाकाल : 2 मई 1916
मूल रूसी भाषा से अनुवाद : वरयाम सिंह