Last modified on 11 जुलाई 2017, at 11:55

भगत सिंह से ऊँचा / विजेता मुद्‍गलपुरी

अजगुत ई नरहा सेखी के लगै छै
भगत सिंह से ऊँचा ट्रफीके लगै छै

चलो आय देखै ले हालत भगत सिंह के
जिनकर ऋणी छै ई भारत समूचा
जे चौक छीकै भगत सिंह चौराहा
जहाँ पर ट्रफीक छै भगत सिंह से ऊँचा
भारत के अमर सपुतो के ई गिंजन
एस.पी., कलक्टर के ठीके लगै छै
भगत सिंह से ऊँचा ट्रफीके लगै छै

कन्हूँ से आबो बिना ऐने लगिच्चा
शहीद भगत सिंह दिखाइये नै परतो
अ, जों पिपरपाँती से आबो त देखो
भगत सिंह जी तनियों लौकाइये नै परतो
त, चश्मा लगाबी के खोजै ले परतो
अलोपित दसा मुरती के लगै छै
भगत सिंह से ऊँचा ट्रफीके लगै छै

जहाँ छै भगत सिंह के त्यागी कहानी
हुआँ अब सुरू छै दू-टकिया तसीली
अ, जों ई उलहना तों नेता के देभो ते
नेता जी करतो बिचक-कठदलीलो
भगत सिंह चौराहा ट्रफीक चौक भेलै
केहन राह ई उनन्ती के लगै छै
भगत सिंह से ऊँचा ट्रफीके लगै छै

ट्रफीके के डर से गाँधी जी राजीव जी
छतरी के मुन्हाँ से ऊँचा उठल छिन
चंशेखर आजाद, बाबू कुमर सिंह
करै ले बगावत लगै छै अरल छिन
अजगुत ई बात जे कि चुप्पी लगैने छै
मारल अकल आदमी के लगै छै
भगत सिंह से ऊँचा ट्रफीके लगै छै

सैंतालिस में जे रहथिन माला से घेरल
उहे छथिन चटकल के भाला से घेरल
हमरा जे बाहर करलखिन गुलामी से
से छथिन पिंजड़ा जलाला से घेरल
कि लेनिन के झटका भगत सिंह क लगलै
अब की होतैगन गाँधी जी के लगै छै
भगत सिंह से ऊँचा ट्रफीके लगै छै