Last modified on 2 फ़रवरी 2016, at 12:46

मंगल राधा कृष्ण नाम / प्रेमघन

मंगल राधा कृष्ण नाम शुचि सरस सुहावन।
मंगलमय अनुराग जुगल मन मोह बढ़ावन॥
मंगल गावनि भाव सुमंगल बेनु बजावन।
मंगल प्यारी मोद विहँसि मुख चंद दुरावन॥
मंगलमय प्रातहि उठि दोऊ कुंजनितें गृह आवईं।
बद्रीनरायन जू तहाँ मंगल पाठ सुनावईं॥