सादा-सीधा भेष दिखै
कविता, खिस्सा, लेख लिखै
बकबक करै नै, चुप्पे मौन
भरलोॅ भादोॅ, सुखलोॅ सौन
सुमन कवि के बड़ा अमोल ?
एक सुरोॅ मेॅ ‘सुरो’ बोल
सादा-सीधा भेष दिखै
कविता, खिस्सा, लेख लिखै
बकबक करै नै, चुप्पे मौन
भरलोॅ भादोॅ, सुखलोॅ सौन
सुमन कवि के बड़ा अमोल ?
एक सुरोॅ मेॅ ‘सुरो’ बोल