बेटा बेटी भी हो सकता है
और बेटी बेटा भी,
ओ अम्मां !
स्वीकारो अपनी सन्तान को
उन्हें वैसे ही, जैसे वे हैं
तुम बिन
कौन हिम्मत करेगा
तुम सा निर्दोष, निष्कलंक, सिद्ध …
और परिपूर्ण, इस जगत में
और कौन है भला !
मूल अँग्रेज़ी से अनुवाद : सन्तोष कुमार