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विजयाराजमल्लिका
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विजयाराजमल्लिका
जन्म | 01 मार्च 1985 |
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उपनाम | Daivathinte Makal |
जन्म स्थान | मुथुवारा, त्रिचूर, केरल |
कुछ प्रमुख कृतियाँ | |
दैवथिन्ते मकल” (ईश्वर की पुत्री), आन नधी — दोनों कविता-संग्रह। मल्लिका वसन्तम (आत्मकथा) | |
विविध | |
कवयित्री विजयाराजमल्लिका लेखिका, शिक्षक, समाजसेविका, प्रखर वक्ता और सामाजिक कार्यकर्ता के तौर पर केरल में सक्रिय हैं I वह मलयालम साहित्य की पहली ट्रांसजेंडर कवयित्री हैं, उनका पहला काव्य-संग्रह “दैवथिन्ते मकल” (ईश्वर की पुत्री) मलयालम भाषा के पहले ट्रांसजेंडर कविता-संग्रह के रुप में चर्चित है I यह संग्रह मद्रास विश्वविद्यालय के परास्नातक कोर्स में भी सम्मिलित किया जा चुका है I इस संग्रह की दो और रचनाएं केरल की महात्मा गांधी विश्वविद्यालय और कलाडी श्री शंकराचार्य विश्वविद्यालय के परास्नातक सिलेबस में भी शामिल हैं I विजयराजमल्लिका ने एशिया के उभयलिंगी (Intersex) बच्चों के लिए पहली लोरी की किताब लिखी है, जो शायद दुनिया की ऐसी पहली किताब है I उनके कविता-संग्रह “आन नधी” ने मलयालम साहित्य को 10 नये शब्दों से समृद्ध किया है I उन्हें अपनी आत्मकथा “मल्लिका वसन्तम” के लिए केरल के युवा लेखक सम्मान 2019 से सम्मानित किया गया है I | |
जीवन परिचय | |
विजयाराजमल्लिका / परिचय |