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तकलीफ़देह है
येरूशलम का मेयर होना
भयानक है ।
कोई कैसे हो सकता है ऐसे किसी शहर का मेयर ?
वह इसका करेगा क्या ?
बनाता जाए, और बनाता जाए और बनाता जाए कुछ न कुछ
और रात में पहाड़ों के पत्थर ढुलक आते हैं नीचे
घेर लेते हैं पत्थर के घरों को,
जैसे भेड़िए आते हों कुत्तों पर गुर्राने के लिए
जो इन्सानों के ग़ुलाम बन बैठे हैं ।
अँग्रेज़ी से अनुवाद : मनोज पटेल