Last modified on 21 अप्रैल 2021, at 23:10

युद्ध करना कठिन हो गया/ जहीर कुरैशी

युद्ध करना कठिन हो गया
रोज़ मरना कठिन हो गया

विधवा रानी को जौहर से पूर्व—
बन-सँवरना कठिन हो गया

उँचे आसन पे जमने के बाद
खुद उतरना कठिन हो गया

घर की दहलीज को लाँघकर
पाँव धरना कठिन हो गया

उसको मधुमेह था इस लिए
घाव भरना कठिन हो गया

अपनी परछाई के प्रेत से
रोज डरना कठिन हो गया

अनवरत शोर करता हुआ
एक ‘झरना’ कठिन हो गया.