लिखो जैसा तुम चाहो
जिस भी अन्दाज़ में।
पुल के नीचे बहुत सारा रक्त
बह चुका है
सिर्फ़ यह साबित करता हुआ
कि एक ही रास्ता सही है।
कविता में सब कुछ जायज़ है
तुम्हें सिर्फ़ एक कोरे काग़ज़ को
बेहतर बनाना है।
अँग्रेज़ी से अनुवाद : मंगलेश डबराल