(राग गौरी-तीन ताल)
रक्तवर्ण शुभ, एकदन्त, शुचिध्वज,मूषक, शोभित शशि भाल।
कबु कमल, भुज अष्ट, पाश-पुस्तक-त्रिशूल, करचक्र, सुमाल॥
गज-मुख धान्य-मञ्जरी राजत, विपद-विघ्रवारण शुभधाम।
अखिल अमंगलहर, हर-सुत, श्रीसिद्धिसहित गणराज प्रणाम॥
(राग गौरी-तीन ताल)
रक्तवर्ण शुभ, एकदन्त, शुचिध्वज,मूषक, शोभित शशि भाल।
कबु कमल, भुज अष्ट, पाश-पुस्तक-त्रिशूल, करचक्र, सुमाल॥
गज-मुख धान्य-मञ्जरी राजत, विपद-विघ्रवारण शुभधाम।
अखिल अमंगलहर, हर-सुत, श्रीसिद्धिसहित गणराज प्रणाम॥