वाद्य विद्या में
ढोलक और मजीरे
एक-दूसरे के सहयोगी हुए,
कला में पारंगत
एक-दूसरे के मर्म के
सहयोगी हुए।
रचनाकाल: ०४-०१-१९७८
वाद्य विद्या में
ढोलक और मजीरे
एक-दूसरे के सहयोगी हुए,
कला में पारंगत
एक-दूसरे के मर्म के
सहयोगी हुए।
रचनाकाल: ०४-०१-१९७८