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मार प्यार की थापें / केदारनाथ अग्रवाल
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					मार प्यार की थापें

| रचनाकार | केदारनाथ अग्रवाल | 
|---|---|
| प्रकाशक | साहित्य भंडार, ५०, चाहचन्द, इलाहाबाद-३ | 
| वर्ष | 2009 | 
| भाषा | हिन्दी | 
| विषय | कविताएँ | 
| विधा | छोटी छोटी मुक्त छन्द कविताएँ | 
| पृष्ठ | 111 | 
| ISBN | 978-81-7779-185-0 | 
| विविध | 
इस पन्ने पर दी गई रचनाओं को विश्व भर के स्वयंसेवी योगदानकर्ताओं ने भिन्न-भिन्न स्रोतों का प्रयोग कर कविता कोश में संकलित किया है। ऊपर दी गई प्रकाशक संबंधी जानकारी छपी हुई पुस्तक खरीदने हेतु आपकी सहायता के लिये दी गई है।
- कुछ नहीं करता कोई / केदारनाथ अग्रवाल
 - कुछ नहीं कर पा रहे तुम / केदारनाथ अग्रवाल
 - प्रसारित हुआ है / केदारनाथ अग्रवाल
 - फिर से मुक्त हुआ / केदारनाथ अग्रवाल
 - पैटर्न / केदारनाथ अग्रवाल
 - नाच रहे पहले के / केदारनाथ अग्रवाल
 - मौन-मिटा / केदारनाथ अग्रवाल
 - घर फूँक / केदारनाथ अग्रवाल
 - पेड़ से / केदारनाथ अग्रवाल
 - देश में लगी आग को / केदारनाथ अग्रवाल
 - सूरज जनमा / केदारनाथ अग्रवाल
 - अब भी / केदारनाथ अग्रवाल
 - चलनी चालते हैं छोटे बड़े आयोग / केदारनाथ अग्रवाल
 - गाँव हो या शहर / केदारनाथ अग्रवाल
 - अंडे पर अंडा / केदारनाथ अग्रवाल
 - आज ही तो हुआ था / केदारनाथ अग्रवाल
 - पाटल / केदारनाथ अग्रवाल
 - शिकायत पर / केदारनाथ अग्रवाल
 - ‘मैं’ सिर्फ ‘मैं’ नहीं / केदारनाथ अग्रवाल
 - गए साल की / केदारनाथ अग्रवाल
 - वाद्य-विद्या में / केदारनाथ अग्रवाल
 - धूप-ही-धूप में निकला / केदारनाथ अग्रवाल
 - जाता हूँ / केदारनाथ अग्रवाल
 - दूर दूर तक / केदारनाथ अग्रवाल
 - लड़ गए / केदारनाथ अग्रवाल
 - बढ़ते-बढ़ते / केदारनाथ अग्रवाल
 - अपनी हथेलियों में / केदारनाथ अग्रवाल
 - पानी / केदारनाथ अग्रवाल
 - कागज के गज / केदारनाथ अग्रवाल
 - इधर भी है एक दरवाजा / केदारनाथ अग्रवाल
 - न घास है-- / केदारनाथ अग्रवाल
 - अपने आपा से / केदारनाथ अग्रवाल
 - खिड़की बंद, किवाड़ बंद / केदारनाथ अग्रवाल
 - वे गए / केदारनाथ अग्रवाल
 - क्या खूब है / केदारनाथ अग्रवाल
 - खड़ा है / केदारनाथ अग्रवाल
 - वही-वही / केदारनाथ अग्रवाल
 - न-कुछ-जीवी व्यक्ति / केदारनाथ अग्रवाल
 - पीड़ा पकड़े चले पंथ पर / केदारनाथ अग्रवाल
 - सिर पर सवार / केदारनाथ अग्रवाल
 - देवताओं के देश में / केदारनाथ अग्रवाल
 - ऐसे भी लोग हैं इस देश में / केदारनाथ अग्रवाल
 - करोटन में आए हैं फूल / केदारनाथ अग्रवाल
 - ऐसा कहते हैं / केदारनाथ अग्रवाल
 - कल / केदारनाथ अग्रवाल
 - सभी तो जीते हैं / केदारनाथ अग्रवाल
 - बयार में उड़ता है / केदारनाथ अग्रवाल
 - पाकिस्तान / केदारनाथ अग्रवाल
 - एक ही दफे नहीं / केदारनाथ अग्रवाल
 - मेरी घड़ी / केदारनाथ अग्रवाल
 - मतदाताओं ने / केदारनाथ अग्रवाल
 - झूठ / केदारनाथ अग्रवाल
 - चुप है पेड़ / केदारनाथ अग्रवाल
 - न बोलने पर भी / केदारनाथ अग्रवाल
 - भीतर पैठी / केदारनाथ अग्रवाल
 - आयें दिन / केदारनाथ अग्रवाल
 - जंगल / केदारनाथ अग्रवाल
 - सब कुछ है / केदारनाथ अग्रवाल
 - बरखा का दिन / केदारनाथ अग्रवाल
 - न रही अब कुआँर में / केदारनाथ अग्रवाल
 - एक के बाद एक हुए / केदारनाथ अग्रवाल
 - काल-कवलित हुए यहीं / केदारनाथ अग्रवाल
 - समर्पित खड़ा है / केदारनाथ अग्रवाल
 - पछाड़ते-पछाड़ते / केदारनाथ अग्रवाल
 - मुझे न मारो / केदारनाथ अग्रवाल
 - मैं / केदारनाथ अग्रवाल
 
	
	