कागज के गज
गजब बढ़े;
धम-धम धमके
पाँव पड़े,
भीड़ रौंदते हुए कढ़े।
ऊपर
अफसर
चंट चढ़े,
दंड दमन के
पाठ पढ़े।
रचनाकाल: २६-०८-१९७८
कागज के गज
गजब बढ़े;
धम-धम धमके
पाँव पड़े,
भीड़ रौंदते हुए कढ़े।
ऊपर
अफसर
चंट चढ़े,
दंड दमन के
पाठ पढ़े।
रचनाकाल: २६-०८-१९७८