Last modified on 9 जून 2021, at 17:40

विदाई / निकानोर पार्रा / मदन सोनी

जाने का
समय हो चुका है
मैं सभी का कृतज्ञ हूँ —

जितना अपने मेहरबान दोस्तों का
उतना ही उन्मादी दुश्मनों का
वे अविस्मरणीय पुण्यात्मा
नर्क
क्या हुआ अगर मैंने हासिल नहीं किया
लगभग सार्वभौम विद्वेष
मुझ पर टूट पड़ने के लिए सड़क पर दौड़ते
सुखी कुत्तो, भगवान तुम्हारा भला करे

दुनिया के महानतम आनन्द के साथ
मैं तुम्हे विदाई के लिए आमन्त्रित करता हूँ

धन्यवाद, और धन्यवाद
ठीक है कि मैं रो रहा हूँ
हम कभी फिर मिलेंगे
समुद्र पर इस या उस ज़मीन पर
 
अपना ध्यान रखो,
मुझे दो शब्द लिख भेजना
रोटियाँ सेंके जाओ
जारी रखो मकड़जालों का बुनना
मैं कामना करता हूँ तुम्हारी सेहत की समृद्धि की
और उन दिनों की जब तुम इनका आनन्द ले सको

सरू के इन दरख्तों की
मूढ़ शिखाओं के बीच
मैं मुँह बाए प्रतीक्षा करता हूँ

अँग्रेज़ी से अनुवाद : मदन सोनी