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Pramendra

2 जुलाई 2009

  • मुझे फूल मत मारो / मैथिलीशरण गुप्त

    नया पृष्ठ: मुझे फूल मत मारो मैं अबला बाला वियोगिनी कुछ तो दया विचारो। होकर म...

    19:36

  • शिशिर न फिर गिरि वन में / मैथिलीशरण गुप्त

    नया पृष्ठ: शिशिर न फिर गिरि वन में जितना माँगे पतझड़ दूँगी मैं इस निज नंदन मे...

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  • निरख सखी ये खंजन आए / मैथिलीशरण गुप्त

    नया पृष्ठ: निरख सखी ये खंजन आए फेरे उन मेरे रंजन ने नयन इधर मन भाए फैला उनके त...

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  • प्रतिशोध / मैथिलीशरण गुप्त

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