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दुख फ़साना नहीं के तुझ से कहें / फ़राज़
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15:00, 27 सितम्बर 2008
ख़ुद भी जाना नहीं के तुझसे कहें <br><br>
बे-तरह
बेतरह हाले
दिल है और तुझसे <br>
दोस्ताना नहीं के तुझसे कहें <br><br>
Anonymous user
Ranjanjain
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