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दोस्त बन कर भी नहीं साथ निभाने वाला / फ़राज़
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03:29, 17 दिसम्बर 2010
वही अन्दाज़ है ज़ालिम <ref>अत्याचारी</ref>का ज़मानेवाला
अब
इसे
उसे
लोग समझते हैं गिरफ़्तार मेरा
सख़्त नादिम<ref>लज्जित</ref> है मुझे दाम<ref>जाल, बंधन</ref> में लानेवाला
Bohra.sankalp
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