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जिस्म सन्दल, मिज़ाज फूलों का.. / श्रद्धा जैन
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06:03, 27 दिसम्बर 2010
आप पत्थर ही पूजिए लेकिन
सुन तो
ले
लें
एहतिजाज<ref>विरोध</ref> फूलों का
इनको पानी की चार बूंद बहुत
Shrddha
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