गृह
बेतरतीब
ध्यानसूची
सेटिंग्स
लॉग इन करें
कविता कोश के बारे में
अस्वीकरण
Changes
द्रौपदी प्रसंग (फाग) / रामराज
1 byte removed
,
17:14, 29 दिसम्बर 2010
हरी हरि टेरे ।।1।।
हमैं उघारि देखि कइसै पइहैं,
प्या रे
प्यारे
भीम सुधिया मोरी लेइहैं
तेउ अब मौन गहे रे ।।
अनिल जनविजय
Delete, Mover, Protect, Reupload, Uploader
53,693
edits