गृह
बेतरतीब
ध्यानसूची
सेटिंग्स
लॉग इन करें
कविता कोश के बारे में
अस्वीकरण
Changes
यह पेड़ों के कपड़े बदलने का समय है / नील कमल
13 bytes added
,
20:46, 4 फ़रवरी 2011
{{KKCatKavita}}
<poem>
शाखों
सरक रहे हैं
पौरुषपूर्ण तनों के कंधों से
पढ़ी जा सकती हैं, अक्षरों-सी
ये
फ़ागुन
फागुन
के चढ़ते हुए दिन हैं
बौराए आम के सिर पर
उग रही है कलँगी
अनिल जनविजय
Delete, Mover, Protect, Reupload, Uploader
53,253
edits