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ऊँड़स ली तूने जब साड़ी में गुच्छी चाभियों वाली / गौतम राजरिशी
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08:42, 27 फ़रवरी 2011
चलो चल कर चखें फिर धूल वो रणभूमियों वाली
''{मासिक वागर्थ, अक्टूबर 2009
/ त्रैमासिक लफ़्ज़, दिसम्बर-फरवरी 2011
}''
</poem>
Gautam rajrishi
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