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रोशनी की किरण / शीलेन्द्र कुमार सिंह चौहान
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08:08, 1 मार्च 2011
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रोशनी की किरण
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रोशनी की किरण देख पाये नहीं ,
जिन्दगी भर दिये हम जलाते रहे।
Dr. ashok shukla
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