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[[Category:ग़ज़ल]]
 <poem>'''लेखन वर्ष: २००२/२०११''' <br/><br/> जब कोई आपको हम-सा मिले हमसे बतायिएगा<br/>बताइएगादेखेंगे उसकी जल्वागरी हमसे मिलवायिएगा<br/><br/>मिलवाइएगा हमने देखा है यहाँ लोग मतलब परस्त होते हैं<br/>आप ख़ुद को ऐसे मतलब परस्तों से बचायिएगा<br/><br/>बचाइएगा बड़ी मीठी होती है अय्यारी यहाँ ख़ुदगरज़ों की<brref>चालाकी</ref>यहाँ ख़ुदगरज़ों कीपेश बहुत चालाक ऐसे अय्यारों से आयिएगा<br/><br/>आइएगा हमने ज़िन्दगी को दो पहलू पहलुओं से जिया है हरदम<br/>आप मुझे वक़्त के चाहे जिस मोड़ पर बुलायिएगा<br/><br/>बुलाइएगा वक़्त इक आदत रही है जो बदल जाया करती है<br/>आप आदतों के ऐसे बदलाव से बाज़ आयिएगा<br/>आइएगा {{KKMeaning}}<br/poem>