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जो ब-वक़्ते-मर्ग तेरी आरज़ू रहे/ विनय प्रजापति 'नज़र'
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13:27, 9 अप्रैल 2011
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'''लेखन वर्ष: २००५/२०११
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जो ब-वक़्ते-मर्ग<ref>मृत्यु के समय भी</ref> तेरी आरज़ू रहे
विनय प्रजापति
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