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लौट आओ पापा / रमेश नीलकमल
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12:13, 20 मई 2011
दीखने लगोगे तुम।
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मिले मेरी यह चिट्ठी आपको तो पहुंचा देना इसे मेरे पापा तक
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जिनका पता-ठिकाना मैं नहीं जानती और न जानती है माँ ही।
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योगेंद्र कृष्णा
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