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रात किस तरह यहाँ हमने बितायी होगी / गुलाब खंडेलवाल
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18:49, 14 जून 2011
हम न होंगे तो क़यामत नहीं आयी होगी
रन
रंग
चहरे का तेरे अब भी ये कहता है, गुलाब!
रात भर आँख सितारों से लड़ायी होगी
<poem>
Vibhajhalani
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