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00:10, 15 जून 2011 {{KKGlobal}}
{{KKRachna
|रचनाकार= विनोद स्वामी
|संग्रह=
}}
[[Category:मूल राजस्थानी भाषा]]
{{KKCatKavita}}<poem>तेरी टूटेड़ी चप्पल रो
बटण घालती बरियां
मेरा हाथ,
सूमै रो करग्या काम।
तूं मुळक’र दिया प्रेम रा दाम।
</poem>