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किसीकी शबनमी आँखों में झिलमिलाये हुए / गुलाब खंडेलवाल
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18:43, 16 जून 2011
एक अरसा हो गया फूलों की चोट खाए हुए
किया है प्यार बिना देखे
ही
भले
ही
उनसे
हम उस गली में न जायेंगे बेबुलाये हुए
Vibhajhalani
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