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अब कहाँ मिलने की सूरत रह गयी! / गुलाब खंडेलवाल
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02:30, 2 जुलाई 2011
{{KKRachna
|रचनाकार=गुलाब खंडेलवाल
|संग्रह=हर सुबह एक ताज़ा गुलाब
/ गुलाब खंडेलवाल
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[[category: ग़ज़ल]]
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Vibhajhalani
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