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तेरे वादों पे अगर एतबार आ जाये / गुलाब खंडेलवाल
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20:30, 22 जुलाई 2011
कुछ तो इस दर्दभरे दिल को क़रार आ जाये
तेरे खुशबू
तेरी ख़ुशबू
से है तर बाग़ का पत्ता-पत्ता
क्यों न फिर हमको हरेक फूल पे प्यार आ जाये!
Vibhajhalani
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